Wednesday 3 April 2013

मोटापा कम करने के कुछ बेहद खास प्राचीन आदिवासियों के नुस्खे

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प्रकृति के करीब रहकर इंसान किस कदर अपना स्वास्थ्य बेहतर रख सकता है, इसका सटीक उदाहरण ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में देखा जा सकता है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पातालकोट घाटी के गोंड और भारिया आदिवासियों की बात की जाए या बैतूल जिले के कोरकू जनजाति के लोग, भले ही ये आदिवासी समाज की मुख्यधारा और तथाकथित विकसित होने की दौड़ में ज्यादा पीछे रह गए हों, लेकिन इनके स्वास्थ्य और आयुष की तुलना हम विकसित समाज और शहरों में रहने वाले लोगों से करें तो हमें समझ आ जाएगा कि आखिर विकसित और ज्यादा स्वस्थ कौन है? पिज्जा कल्चर, जंक फूड और अनियमित जीवन शैली ने मोटापा जैसे रोग लाकर हमारे जीवन को भयावह कर दिया है।

मोटापा ना सिर्फ मधुमेह जैसे रोगों को आमंत्रित करता है अपितु समानांतर रोगों का जन्म कारक भी है। क्या वजह है, जो आदिवासियों में मोटापा, मधुमेह, उच्च या निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं देखने नहीं मिलती? अपने अनुभवों के आधार पर मैने पाया है कि आदिवासियों का खान-पान, जीवनशैली और वनौषधियां इन सब रोगों को उनके आस-पास तक भटकने नहीं देती। जानने की कोशिश करते हैं आदिवासियों के कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों को जिन्हें अपनाकर आप भी अपने शरीर की चर्बी को कम कर सकते है, लेकिन इन नुस्खों को अपनाने के साथ-साथ ये भी जानना जरूरी है कि अपनी जीवनशैली को नियंत्रित करना आपके अपने हाथ में है।मेडिकल

मोटापे की समस्या से निजात पाने के कुछ प्राकृतिक नुस्खे बता रहे हैं डॉ पमल   (डायरेक्टर-बिभा मेडिकल कॉलेज  )। डॉ. पमल  पिछले 5 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को इकट्ठा करने का काम कर रहे हैं। वे वर्तमान में १० से भी जय्दा पत्र -पत्रिका में नियमित रूप से लिखते हैं 
 
  •  आधा चम्मच सौंफ लेकर एक कप खौलते पानी में डाल दी जाए और 10 मिनिट तक इसे ढांककर रखा जाए और बाद में ठंडा होने पर पी लिया जाए। ऐसा तीन माह तक लगातार किया जाना चाहिए, वजन कम होने लगता है।
  • ताजी पत्ता गोभी का रस भी वजन कम करने में काफी मदद करता है। आदिवासियों के अनुसार प्रतिदिन रोज सुबह ताजी हरी पत्ता गोभी को पीसकर रस तैयार किया जाए और पिया जाए तो यह शरीर की चर्बी को गलाने में मदद करता है। रोचक बात यह भी है कि आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पैरवी करता है कि कच्ची पत्ता गोभी शर्करा और अन्य कार्बोहाइड्रेट को वसा में बदलने से रोकती है और यह वजन कम करने में सहायक है।
  • लटजीरा या चिरचिटा के बीजों को एकत्र करके, किसी मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर भून लिया जाए और एक-एक चम्मच दिन में दो बार फांकी मार ली जाए, बस देखिए कितनी तेजी से फायदा होता है।
    • करेले की अध कच्ची सब्जी भी वजन कम करने में काफी मदद करती है, उत्तर मध्यप्रदेश के आदिवासी सहजन या मुनगा की फलियों की सब्जी को मोटापा कम करने में असरकारक मानते हैं।

     

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